फ्लैंडर्स के अंत क्रिया विश्लेषण श्रेणी प्रणाली | फ्लैंडर्स अंत क्रिया विश्लेषण प्रणाली की मूलभूत मान्यताएं | अंत: क्रिया विश्लेषण का अर्थ
अंत: क्रिया विश्लेषण का अर्थ
शिक्षक के व्यवहारों या क्रियाओं का क्रमबद्ध निरीक्षण पर प्रविधि से विश्लेषण किया जाता है। शिक्षक की कार्यकुशलता और उसकी क्षमता का अनुमान उसके शिक्षण की प्रभावपूर्ण का के रूप में लगाया जा सकता है।
लेकिन शिक्षक का वस्तुनिष्ठ मूल्यांकन शिक्षक के व्यवहारों और विद्यार्थियों के साथ होने वाली अंत क्रिया के द्वारा ही किया जा सकता है। कक्षा में होने वाली प्रत्येक अंत क्रिया का क्रमबद्ध विश्लेषण किया जा सकता है। इस प्रकार अंत क्रिया विश्लेषण का अर्थ कक्षा में घटने वाली प्रत्येक घटना का वस्तुनिष्ठ और व्यवस्थित निरीक्षण करने की व्यवस्था करना और प्रत्येक घटना का विश्लेषण करना होता है। अंत क्रिया विश्लेषण इस प्रकार की विशिष्ट शोध प्रक्रिया है।
फ्लैंडर्स अंत क्रिया विश्लेषण प्रणाली की मूलभूत मान्यताएं।
1. कक्षा शिक्षण में सामान्य से 60% से अधिक समय शाब्दिक व्यवहार में होता कक्षा में शाब्दिक व्यवहार की प्रधानता रहती है शाब्दिक व्यवहार संपूर्ण कक्षा व्यवहार का प्रतिनिधित्व करता है
2. ऐसा ब्रिक व्यवहारों की तुलना में शाब्दिक व्यवहार का निरीक्षण अधिक सरलता एवं विश्वसनीयता पूर्ण होता है
3. शिक्षक छात्रों के कार्य एवं व्यवहार पर काफी प्रभाव डालता है विशेषकर उसका कक्षा गत व्यवहार छात्रों को अत्यधिक प्रभावित करता है
4. छात्रों का व्यवहार भी शिक्षक व्यवहार को प्रभावित करता है।
5. शिक्षण प्रक्रिया में शिक्षक छात्र संबंध का एक महत्वपूर्ण स्थान है।
6. शिक्षक द्वारा प्राप्त स्वीकृति और व्यक्ति प्रजातांत्रिक अभिवृत्ति को छात्र अत्यधिक पसंद करते हैं।
7. अधिगम की संपूर्ण प्रक्रिया में कक्षा का वातावरण महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है कक्षा का प्रजातांत्रिक वातावरण छात्रों के परस्पर संबंध कक्षा के शैक्षिक उत्पाद और उच्च उपलब्धि में सहायक होता है।
8. शिक्षक के कक्षा का शाब्दिक व्यवहार का निरीक्षण वस्तुनिष्ठ रीति से किया जाता है।
9. अंत क्रिया विश्लेषण प्रणाली का प्रयोग शिक्षक के व्यवहार सुधार और परिवर्तन के लिए किया जा सकता है।
फ्लैंडर्स के अंत क्रिया विश्लेषण श्रेणी प्रणाली
1 भावनाओं को स्वीकारना : छात्रों की भावनाओं एवं विचारों को बिना डराया धमकाया स्वीकार करना भावनाएं विचार एवं अनुभूतियां स्वीकारात्मक तथा नकारात्मक हो सकते हैं। उनकी भविष्यवाणी भी इसमें सम्मिलित है छात्र को दंड नहीं दिया जाता है।
2. प्रशंसा या प्रोत्साहन देना : इस वर्ग में शिक्षक के व्यवहार आते हैं जिनके द्वारा छात्रों के कार्यों की प्रशंसा व प्रेरित करता है।
3. छात्रों के विचारों को स्वीकारना या उनका उपयोग : छात्रों द्वारा दिए गए सुझाव या विचारों को शिक्षक स्पष्ट करता है उन्हें विकसित करता है या उन्हें आवर्ती करता है।
4. प्रश्न पूछना : छात्र आवश्यक उत्तर दें इससे से विषय वस्तु या प्रक्रिया से संबंधित प्रश्न पूछना।
5. व्याख्या देना : विषय वस्तु या प्रक्रिया से संबंधित तथ्यों एवं विचारों को व्यक्त करना या स्पष्टीकरण करना व्याख्यान के अंतर्गत प्रश्न पूछना कि यह एक शाब्दिक अंत क्रिया है।
6. निर्देश देना : ऐसे निर्देश आदेश या आज्ञा देना जिनके अनुसरण पालन की उपेक्षा छात्रों से ही की जाती है जैसे सभी विद्यार्थी आगे खड़े होंगे अथवा बैठकर काम करेंगे।
7. आलोचना करना तथा अधिकार को न्याय संगत बताना : छात्रों से अनुचित व्यवहार को उचित व्यवहार में परिवर्तन करने के लिए वक्त वे देना। अपने संदर्भ में अधिक बातें करना जैसे यह मुझे पसंद नहीं है या तुम्हें कक्षा से बाहर निकाल दूंगी आदि।
8. छात्र अनुक्रिया : छात्रों के द्वारा शिक्षक के प्रश्नों या व्यवहारों के फल स्वरुप अनुक्रिया करना या बोलना शिक्षक प्रारंभ करता है और छात्रों से अनुक्रिया वक्तव्य की उपेक्षा करता है।
9. मोन या अस्त व्यस्त : वीरा अल्पावधि के लिए शांति और मौन ऐसी अवधि जिसमें अस्तव्यस्त के कारण कक्षा में क्या चल रहा है यह निरीक्षक न समझ पाए अर्थात कभी-कभी किसी प्रकार की शाब्दिक अंत क्रिया नहीं होती है।
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